True motivational stories in hindi | जीवन में सच्ची प्रेरणा देने वाली कहानी
अनोखा मिलन – मां बेटे की कहानी
हिंदी स्टोरी: पुत्र पुत्रियों के प्रति मां के मन में ममता का होना स्वभाविक है. प्रत्येक मां अपनी संतान के ऊपर अपना सब कुछ निछ्वार कर देती है. इस ममता के कारण कभी-कभी वह अपना कर्तव्य भी भूल जाती है. इसको इस कहानी के जरिये जानेंगे-
राजू की मां उससे बहुत लाड़-प्यार करती थी. इतना कि उसके अपराध को भी अनदेखा कर देती थी. एक बार जब राजू स्कुल में पढता था तो एक दिन अपने किसी साथी की पेंसिल चुरा लाया. वह पेंसिल उसने अपनी मां को दे दी. मां को पूछना चाहिए था कि आखिर वह किसकी पेंसिल ले आया है और वह पेंसिल लेकर उसने अपराध किया है. मगर मां ने ऐसा नहीं किया.
इसके विपरीत वह प्रसन्न हुई और पेंसिल अपने पास रख ली. राजू को उसने कुछ नहीं कहा. इस प्रकार राजू रोज कुछ-न-कुछ, कभी पुस्तक, कभी पेन, कभी स्लेट और कभी कॉपी चुरा लाता. यह उनका रोज का काम बन गया था.
इस सब चीजों को देखकर राजू की मां को प्रसन्नता होती थी. परिणाम यह हुआ कि राजू पढ़ न सका.
ये सब तो बचपन की बातें थी. जब राजू बड़ा हो गया और युवावस्था में पहुंच गया तो नामी चोर बन गया. इसी क्रम में एक दिन वह राजमहल में चोरी करता पकड़ा गया.
जब फांसी लगने का समय आया तो राजू को फांसी के लिए ले जाया गया. शहर की पूरी प्रजा और उसकी मां सब बाहर खड़ा थे.
फांसी के की सजा के नियम के अनुसार राजू से उनकी अंतिम इच्छा पूछी गई.
राजू ने कहा- “मैं एक बार अपनी मां से मिलना चाहता हूं.”
मां को बुलाया गया. रोती-चिल्लाती मां राजू के पास आई.
राजू बोला- ” मां मैं तुम्हारे कानों में एक बात कहना चाहता हूं.”
मां ने बात सुनने के लिए अपने एक कान को राजू के मुंह से सटा दिया. राजू ने मां के कान को इतना जोर से काटा कि खून की धार बहने लगी और कान कट कर अलग हो गया. यह देखकर सब हैरान रह गए.
जब राजू से इसका कारण पूछा तो उसने बताया- “आज का यह दिन मुझे अपनी इस मां के कारण देखा पड़ा है. यदि बचपन में जब मैं स्कुल से पेंसिल चुरा कर लाया था, मेरी मां मुझे डांट देती और स्कूल में पेंसिल को वापस करवा देती तो मैं इतना बड़ा चोर नहीं बन पता और न ही मुझे आज फांसी पर चढ़ना पड़ता.
यह सुनकर मां को इतना पश्चाताप हुआ कि वह वही बेहोश होकर गिर पड़ी.
इस कहानी से हमें यही सीख मिलता है कि “बच्चो को उसकी पहली गलती पर सावधान कर देना चाहिए.” अगर ऐसा नहीं करते हैं तो यह अनदेखी कल उसको गलत रास्ते पर ले जायेगा और हमें पछताने के सिवा कुछ नहीं बचेगा.
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