Shorts Hindi Kahaniya | समझदार तमासेवाला: एक समय कि बात है, किसी गांव में एक तमासे वाला रहता था। उसका नाम राम था। राम के पास एक शेर और एक बकरी थी। राम गांव-गांव घुम-घुम कर तमासे दिखाया करता था।
गांव वाले और राजा के तरफ से जो उसे भी घन और अनाज मिलता उसे मिलता वह अपने नाव में रखकर अपने घर ले आता और उसी से उसका जीवन यापन हो रहा था।
राम के पास काफी घन और अनाज इक्ठा हो रखी थी। वह अपने काम को करने में इतना माहिर था कि लोग उसे खुश होकर अच्छा ईनाम दिया करते थे।
राम का नाव काफी पुराना हो गया था। अब उसके नाव में एक बार में दो लोग ही नदी पार कर सकते थे, नदी में भी उन दिनों पानी लपालप भरा हुआ था।
एक दिन राम किसी गांव से अपने घर लौट रहा था तो उसके पास एक शेर, एक बकरी और एक अनाज का गðर था जो वहां उसे उपहार के रूप में प्राप्त हुई थी।
राम नदी किनारे पानी का धार देखकर सोचने लगा एक बार में दो ही लोग पार कर सकते है। वरना नाव डूब जाएगी यह सोचने लगा कि अब क्या करूं? यदि मैं पहले शेर को ले जाता हूं तो बकरी अनाज खा लेगी।
यदि अनाज को पहले ले जाता हूं, तो मेरे पीठ फेरते ही शेर बकरी को खा लेगा। हां, बकरी को ले जाना ठीक होगा। इसे दूसरे किनारे छोड़कर फिर शेर को ले जाऊंगा। फिर शेर को वहां छोड़कर अरे रेे रे फिर तो वहां भी शेर बकरी को खा लेगा।
राम ने फिर कुछ सोचा और शेर को दूसरे किनारे छोड़ने के बाद वापस आते समय बकरी को अपने साथ ले आया। फिर बकरी को इस किनारे अकेला छोड़कर अनाज की गðर को अपने साथ ले गया।
अनाज को शेर के पास छोड़कर बकरी को राम दूबारा इस किनारे से अपने साथ ले गया। इस प्रकार वह अपनी समझदारी से बिना किसी नुकसान के नदी पार कर ली और खुशी-खुशी अपने घर चल दिया।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हम सोच समझकर यदि कोई काम करते है, तो हमें नुकसान नही होता इसलिए किसी काम को करने से पहले थोड़ा सोच विचार कर लना चाहिए।
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