आज हम आपको जंगल के राजा शेर खान की कहानी (Sher ki Kahani hindi mein) सुनाने जा रहे हैं। जो कहानी हम सभी के लिए न केवल प्रेरणादायक होगी बल्कि इससे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। आइये सुनते हैं-
Sher ki Kahani hindi mein | जंगल का राजा शेर खान की कहानी
Sher ki Kahani hindi mein: एक जंगल में दो शेर रहता था। बड़े भाई का नाम बगीरा और छोटे भाई का नाम शेर खान था। शेर खान बहुत ही फुरतीला और तेज था। बगीरा उम्र में बड़ा जरूर था मगर वो बहुत ही आलसी था। आलसी भी इतना की वह शिकार भी नहीं करता था। शेर खान जो शिकार करता उसके खाने के बाद जो बचता उसे बगीरा खा लेता।
जंगल के सारे जानवर इस वजह से बगीरा से काफी नाराज रहते थे। सब यहीं सोचते खुद तो शिकार नहीं करता शेर खान के किए शिकार को वह दूसरे जानवरों को खाने नहीं देता।
बगीरा के इसी व्यवहार के कारण जंगल के जानवरों को भूखा भी कभी-कभी रहना पड़ जाता था। एक दिन जंगल के सभी जानवरों ने आपस में तय किया कि अब बहुत हुआ। हमें इस समस्या का अब समाधान करना होगा।
जंगल के राजा का चुनाव करने की सोची। ताकि राजा के खाने के बाद जो भी बचेगा उसमें बगीरा के साथ-साथ और भी जानवरों का भी हिस्सा हो।
सब ने सोचा इस बारे में हमें अब शेर खान से बात करनी होगी। जंगल काफी बड़ा और धना भी था। जंगल के बीचों-बीचों बीच एक नदी बहती थी। उसी नदी के पास पास एक पहाड़ भी था। पहाड़ के पास हि शेर खान का गुफां था।
सभी जानवर एक साथ शेर के गुफां के पास पहुंचे। शेर खान अपनी शेरनी के साथ गुंफा के बाहर हि बैठा था और शेर खान का बेटा उनके पास ही खेल रहा था।
एक साथ सभी जानवर को देख शेर खान चैक गया। आलसी बगीरा भी कहीं से घुमकर तभी वहां पहुंच गया। सब को एक साथ देखकर बगीरा ने पूछा तुम लोग यूं एक साथ यहां क्यों आए हो। सब ठीक तो हैं।
सभी जानवरों को समझ में नहीं आ रहा था। अब बोले भी तो क्या बोले और बगीरा के सामने ही उसकी शिकायत कौन करें? बगीरा को कहीं ये बात पसंद ना आई तो अपनी जान कौन गवाए। सभी जानवर एक दुसरे को देख रहे थे। कोई कुछ नही बोल पा रहा था। तभी उनके बीच में से एक भंड़िया ने बोला हमें राजा का चूनाव करना है।
ये सुनते ही बगीरा गुस्से में दहाड़ने लगा। सभी जानवर बगीरा के इस व्यवहार से घबरा गए। तो बगीरा को शेर खान ने चुप रहने को बोला सभी जानवर क्या चाहते ये सुनना चाहता था शेर खान।
शेर ने कहां चुनाव आप करना चाहते है, तो आप सब ने कुछ सोच समझ कर ही ये फैसला किया होगा। आप ही बता दो फिर की राजा आप ने किसे चुना है। डरते-डरते एक लोमड़ी ने शेर खान का नाम लिया, और बोला हम आप को ही इस जंगल को राजा बनना चाहते है।
हमें मालूम है कि यह बगीरा को जंगल से ज्यादा अपनी निंद की फिक्र होती हैं। ऐसे में हमलोग उन्हें राजा की जिम्मेदारी नहीं दे सकते उन्हें भी यह पसंद नहीं होगा। की पुरे जंगल की रखवाली या देखरेख वो करें। वो अपनी आलस की जिंदगी से काफी खुश हैं और हमलोग उन्हें परेशान नही कर सकते।
बगीरा यह सुन कर चुप-चाप वहां से चला गया। और वह इस बात को मानेन को तैयार नहीं कि मेरा छोटा भाई को सबने राजा बनाया तो क्यों बनाया?
वह सोच रहा कि यह सब जरूर शेर खान की चाल हैं। पूरे जंगल को हरपने की कोशिश, होना हो शेर खान ने ही सब को डराया होगा इस फैसले के लिए।
दूसरे दिन बगीरा चुन-चाप गुफां के पास आता है तो देखता है शेर खान के बच्चा वहीं गुफां के बाहर खेल रहा हैं। तो बगीरा उसे मुंह में दबाकर भाग जाता है।
जंगल के एक जानवर ने बगीरा को शेर खान के बच्चे के साथ देख लेता है। तो तुरंत शेर खान के पास जा कर बताता है। शेर खान जंगल में बगीरा को ढुंढ लेता है। और देखता है उसका बच्चा ठिक है।
बगीरा कहता में इसे नहीं तुम्हें मारना चाहता हूं क्यों कि तुमने मुझे धोखा दिया सभी जानवरों के साथ मिलकर राजा तुम बन गए। मैं बड़ा हूं तुमसे तो राजा बनने का हक सिर्फ और सिर्फ मेरा है।
यह बोलते ही बगीरा ने शेर खान पर हमला कर दिया, फिर दोनों की जमकर लड़ाई होती है। बगीरा इस लड़ाई में जब पूरी तरह जख्मी हो जाता हैं। शेर खान ने बगीरा से कहां तुमहारे आलसी पन्ने के कारण सभी जानवरों ने मुझे राजा बनाया हैं।
मैं तुम्हें हमेशा अपना बड़ा भाई समझा। मैंने तुम्हें कोई धोखा नहीं दिया। बगीरा अपनी आखरी सांस में पचताने के अलावा कुछ नही ंकर सकता था। बगीरा ने अपनी हरकतों के लिए शेर खान और उसके बच्चे से मांफी मागता हैं। और वही मर जाता।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, अगर आपके मन को किसी की कोई बात अच्छी ना लगें। तो उस बात के बारे में पुरी तरह जानने या समझने की कोशिश करनी चाहिए ना कि अपने परिवार के लोगों के विरूद्ध आप कुछ गलत करने को अपने मन में कोई पलान बना लो। दूसरे की गलती या कमिंया देखने से पहले अपने अंदर की कमियां ढुढ़ी जाए। और उसे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।
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