Rakshas Ki Kahani Hindi : जय और राक्षस – एक बार जय नाम का एक व्यापारी अपने कुछ सहायकों के साथ जंगल से गुजर रहा था। तभी अचानक तेज हवाएं चलने लगी, भारी तूफान आ गया।
वो लोग तूफान से बचने के लिए इघर-उधर नजरे दौड़ाने लगे, तभी उनकी नजर एक गुफा पड़ी। वो लोग तूफान से बचने के लिए उस गुफा में चले गए।
अंधेरा होते ही जय और उसके सहायकों पर राक्षस ने हमला कर उन लोगों को बंदी बना लिया। वे लोग उन विशाल राक्षसों का सामना नही कर पाए। फिर उन लोगों को राक्षस एक ऐसी जगह ले गए जहां मांस भूनने के लिए गड्ढा बना था।
कुछ देर बाद एक आंख तथा लंबे दांतों वाले एक राक्षस ने गुफा में कदम रखा और अपने लंबे नाखूनों वाले पंजे से एक सहायक को उठा लिया। फिर उसने उस सहायक को निगलने में एक मिनट भी नहीं लगाया। इसके बाद वह गहरी नींद में सो गया। जय और उसके सहायक यह सब देख डर के मारे कांपने लगे।
जय ने तभी फुसफुसाकर अपने सहायकों से कहा, देखों यह राक्षस अभी सो रहा है। हमें मरना तो है हि क्यों ना एक बार हम यहां से भागने की कोशिश करें।
जय की बात सुन सहायकों में थोड़ी हिम्मत जागी, वो लोग धीरे-धीरे उस गुफा से बाहर निकलें, तूफान भी थम गयीं थी। डर के मारे उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि उनलोगों को जाना किस दिशा में है?
जय ने कहा हमें पहले इस जंगल से निकल जाना चाहिए उसके बाद हम सोचेगें की हमें किस दिशा में जाना है। सभी ने दौड़ना शुरू किया, तब तक वो लोग दौड़ते रहे जब तक वे लोग जंगल से बाहर निकल ना गए।
जंगल से बाहर निकलते ही उन लोगों ने चैन की सांस ली, जय और उनके सहायक अपनी जान बचाकर प्रसन्न हुए और एक सहायक को खोने का भी उन्हें दुःख था। जय ने तभी कहा, “आज के बाद में भविष्य में कभी भी छोटे रास्ते के लिए जंगल का सहारा नहीं लूंगा”।
तभी सड़क पर एक बैलगाड़ी आता दिखा, सभी ने उनसे मदद ली और अपने घर लौट गए।
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