Raja Rani ki best kahani in hindi: प्राचीन काल में जावा साम्राज्य हुआ करता था। जावा सम्राज्य के राजा का नाम सम्राट प्राबू बाका था। राजा की एक बहुत ही सुन्दर बेटी थी उसका नाम एलीना था।
प्राबू बाका इतना शक्तिशाली राजा था कि उसे कोई युद्ध के लिए ललकारने का साहस तक नहीं करता था।
एक दिन कि बात हैं पेंगिंग के राजा ने अचानक जावा साम्राज्य पर हमला कर दिया। उसके बाद प्राबू बाका और पेंगिंग के राजा के साथ भयानक युद्ध हुआ। इस युद्ध में प्राबू बाका मारा गया।
इस विजय का श्रेय पेंगिंग के राजा ने आपने मंत्री बांदावास को दिया। और जावा सम्राज्य का राजा भी बांदावास को ही बनाया गया। जावा के सिंहासन पर बैठने के कुछ दिनों बाद ही बांदावास ने राजकुमारी एलीना के साथ विवाह की इच्छा व्यक्त की।
एलीना बहुत बड़ी उलझन में पड़ गई। वह अपने पिता के हत्यारे के साथ विवाह नहीं करना चाहती थी। लेकिन इनकार करना भी कठिन था क्योंकि उस स्थिति में उसे बांदावास के क्रोध और राजा की बात ना मानने पर क्या सजा मिल सकती थी। एलीना वह भी जानती थी।
एलीना ने अपनी सहेलीयों से इस बारे में विचार विमर्श किया। अतं में सहेली को एक उपाय सूझी कि विवाह की स्वीकृति दे दे लेकिन ऐसी शर्त के साथ जिसे पूरा कर पाना संभव न हो।
बांदावासा को विवाह की स्वीकृति के साथ शर्त भी भेज दिया गया, उसे एक हजार मंदिर और दो बड़े कुएं एक ही रात में तैयार करवाना होंगे।
बांदावासा ने इस शर्त पर आपत्ति की लेकिन जब उसे लगा कि इसके पूरा हुए बगैर विवाह संभव नहीं है तो वह राजी हो गया।
बांदावासा के पास ऐसे मददगार थे जिनके पास जादुई शक्तियां थीं। इस शक्ति के बल पर असंभव को भी संभव किया जा सकता था।
बांदावासा ने उनसे मदद मांगी और वो भी बांदावासा की मदद करने को तैयार हो गए। काम शुरू करवाने का दिन तय कर दिया, और निश्चित दिन पर काम शुरू हो गया।
जादुई शक्तियों के बल पर फौज की फौज खड़ा कर काम शुरू रहा आधी रात ही बीतने तक पाँच सौ मंदिरों का निमार्ण भी हो चूका था। एलीना ने अपने एक सेवक को कार्य स्थल पर भेजा देखने को निर्माण की कार्य की क्या स्थित है।
सुबह के करीब चार बजे लौट कर सेवक ने बताया कि नौ सौ मंदिर बन कर तैयार हो चुके हैंै। और दोनों कुएं भी लगभग तैयार हैं।
यह सुनकर राजकुमार बड़ी चिंतित हुई क्योंकि इसका अर्थ था कि सुबह के पांच बजने तक सब कुछ बन कर तैयार हो जाएगा। बांदावासा से राजकुमारी को विवाह करना होगा।
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राजकुमारी की सहेली को एक और उपाय सूझी उसने राज्य के सभी घरों की महिलाओं को जगाना शुरू किया और सब को चावल फटकने का काम करवाने लगी।
करीब-करीब सभी घरों की महिलाओं को जगा दिया और चावल फटकने का काम राज्य की ओर से बोला गया हैं। जो जितना चावल फटकेगा, जितना तेज आवाज में गीत गुनगुनाएगी। उसे पुरस्कार दिया जाएगा।
अब सारी महिला चावल फटकते हुए गीत गाने लगी, उधर काम में लगे मजदूर को लगा सुबह हो गई महिलायें जाग गई हैं और घरेलू कार्य करना शुरू हो गए हैं।
कर्मचारियों में बातचीत शुरू हो गई। कोई कहता कि सवेरा हो चूका हैं, काम बंद कर देना चाहिए तो कोई कहता कि राजकर्मियों की ओर से काम बंद करने का आदेश की प्रतीक्षा करनी चाहिए। कोई कहता निमार्ण करने से क्या फायदा एक मंदिर अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाई उन्होंने काम करना धीमी कर दि क्यों कि उन्हें लगा राजा शर्त हार गए।
सुबह पांच बजे जब बांदावासा पहुंचा तो उसका दिल टुट गया। देखा मजदूर काम करना बंद कर रखे है एक घण्टा पहले ही उन्होंने काम बन्द कर दिया जिससे बांदावासा शर्त हार गया।
लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जरूरी है कि सारा ध्यान लक्ष्य पर ही केद्रिंत रहे। जरा-सा घ्यान चूका नहीं कि मंजिल कोसों दूर चली जाती है।
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