Maa ka Pyar Story in Hindi : एक शहर में एक लड़की रहती है। उसका का नाम माला है। माला पांचवी कक्षा तक ही पढ़ी थी। वह एक गरीब परिवार से थी। माला की शादी एक मजदूर से होती है।
शादी के कुछ सालों के बाद, माला को एक प्यारा सा बेटा होता है। जिसका नाम माला पप्पू रखती है। माला और उसके पति एक दिन पप्पू के भविष्य के बारे में बाते करते है। वह दोनों यह सोचते की वो नहीं पढें, लेकिन वह अपने बेटे को पढ़ा-लिखाकर एक बड़ा और काबिल आदमी बनाएगें।
यह सोचकर माला ने यह फैसला किया कि वह अपने पति के साथ भी काम करेगी और पप्पू के भविष्य के लिए पैसे जोड़ेगी। माला अपने पप्पू को अपने काम करने की जगह पर अपने साथ ले ही ले जाती और पप्पु वही खेलता रहता और माला अपने पति के साथ वही काम किया करती थी। पहले एक के पैसे आते थे घर में अब दोनों कमाने लगे तो माला बहुत खुश रहती थी। हर रोज शाम को जब माला घर लौटकर आती तो अपनी कमाई गुलक मैं रखा करती थी।
एक दिन की बात है। जब माला अपने काम करने के जगह पर सर पर ईट ले सिढ़ियों से छत पर जाती रहती उसका बेटा पप्पू भी उसके पिछे जाने लगता है।
माला आपने पीछे आते पप्पु को नहीं देखती है पर उसके पति और कुछ काम करते मजदूर देख लेते है। पप्पू सिढ़ियों से उपर चढ़ छत के किनारे चला जाता है। पप्पू को बचाने के लिए माला के पति पप्पू की तरफ भागते है पर पप्पू और माला के पति दोनों खूली छत से नीचे गिर जाते है।
जिसके बाद माला के पति का देहान्त वही हो जाता है। पप्पू बच जाता है पर उसके सर पर लगे चोट के कारन पप्पू को दिखाई देना बंद हो जाता है। पप्पू अंधा हो जाता है।
माला अपने पति की मृत्यु और बेटे के अंधे होने के कारण टूट सी जाती है। वह सोचती है कि उसे अपने और अपने पति का सपना भी पूरा करना है। वह एक बार फिर से अपने को मजबूत करती है। तभी अस्पताल में एक मरीज को किडनी की जरूरत होती है।
वह एक बहुत धनी आदमी होता है। उसके बच्चे बाहर विदेश में रहते हैं। वह बूढ़ा व्यक्ति होता है। उसके साथ परिवार का कोई नही सिर्फ एक नौकर उसके साथ अस्तपाल में होता है। माला उस बूढ़े व्यक्ति के पास मिलने जाती है और उससे बात करती है। बाबा अगर मेरी किडनी आपके शरीर के साथ मैच करेगी तो मैं आपको एक किडनी दे दूंगी। मगर आपको मेरे लिए भी कुछ करना होगा। बूढ़ा व्यक्ति माला को बोलता है। तुम्हें जितने पैसे चाहिए मैं तुम्हें दे दूंगा। माला बोलती है। बाबा मुझे पैसे नही एक वादा चाहिए और माला अपनी सारी कहानी उसे सुनाती है। माला बोलती है। बाबा मै एक किडनी आपको और अपनी दोनों आंखें अपने बेटे को देना चाहती हूं।
बूढ़ा व्यक्ति उसे समझाता है। अगर तुम दोनों आंखें उसे दे दोगी तो बेटे को बड़ा आदमी बनता कैसे देखोगी? माला बोलती है कि बाबा मैं मां हूं ना, उसे अपने मन की आंखों से देख लूंगी।
यह बोल कर बूढे़ के कमरे से वापस आती है और एक पत्र लिखती है। पत्र को संभालकर रखने की जिम्मेदारी बूढ़े बाबा के साथ आये नौकर को माला दे देती है।
एक किडनी बाबा को और दोनों आंखें अपने बेटे को माला दे देती है। बूढ़ा आदमी अपने साथ माला और पप्पू को घर ले जाता है। वह बहुत बड़े घर मैं रहता था जहां नौकर गाड़ी सारी सुविधा मौजूद होती है।
पप्पू का दाखिला बहुत बड़े स्कूल में करवाया जाता है। पप्पू बढ़ने में काफी तेज और समझदार था। धीरे-धीरे पप्पू बड़ा होने लगता है। वह स्कूल जाता है तो उसे वहां के बच्चे अंधी का बेटा बोलकर पप्पू को बुलाया करते है। पप्पू का हमेशा स्कूल में बच्चे मजाक उड़ाया करते थे।
पप्पू अपनी मां के साथ स्कूल जाना और आना नही चाहता था। वह हमेशा अपनी मां को बोलता की तुम गाड़ी भेज दिया करो, खुद मत आया करो, मगर माला पप्पू की बात नही मानती, वह रोज स्कूल चली जाती।
पप्पू अपनी मां से बिल्कुल भी प्यार नही करता था। उसे लगता कि यह वह औरत है, जिसके कारण मुझे स्कूल में मजाक बनाया जाता है। वह अपनी मां से नफरत करता था। माला को यह बात मालूम होती है कि पप्पू उससे प्यार नही करता पर वह पप्पू को कैसे समझाती की वह देख नही सकती। इसलिए वह रोज स्कूल चली आती है। ऐसे में वह कम से कम स्कूल के गेट पर बच्चों की आवाज सुन कर खुश हो जाती थी। वह अपना और अपने पति का सपना पूरा कर रही है।
स्कूल के बाद काॅलेज और फिर नौकरी पप्पू को मिल जाती है। जिसके बाद नौकरी पाते ही पप्पू एक नया मकान में रहने चला जाता है मगर अपनी मां के बिना।
इस बात का पता जब माला को लगता है तो उसका दिल टूट जाता है। वह अपने बेटे से मिलने उसके नये घर सुबह-सुबह जाती है। पर पप्पू माला से मिलने से इन्कार कर देता है।
माला उसके घर से बाहर नौकर के सहायता के बिना ही निकल जाती है। जिसके बाद वह देख नहीं पाने के कारण एक गाड़ी के नीचे आ जाती है। पप्पू जब अपने गाड़ी में बैठ कर दफ्तर जाने को निकलता है तो गेट के पास काफी भीड़ लगी होती है। पप्पू गाड़ी से निकल कर देखने जाता है कि इतनी भीड़ क्यों है? जिसके बाद वह वहां पर अपनी मां को मरा हुआ पाता है।
पप्पू की आंखों से आंसू निकलने लगते है। अपनी मां को गोद में जब उठाता है तो उसके हाथ एक पत्र मिलता है। जिसमें माला ने पूरी कहानी लिखी होती है। उसके जन्म से पप्पू की पिता की मृत्यु और पप्पू की आंखों के बारे में, बाबा को किडनी देने जा रही हूं आदि सभी बातें जो आज तक पप्पू नही जानता था। जिसके बाद पप्पू बहुत रोया और अपनी मां से मांफी भी नही मांग सका। वह अपनी हरकतों पर बहुत पछताता है।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने परिवार के सदस्य की स्थिती पर कभी शर्मींदा नहीं होना चाहिए। मां और पिताजी का स्थान भगवान से पहले होता है। क्योंकि भगवान को हम ना तो देखते है और ना ही कभी मिलते है। इसलिए हमें अपने मां और पिताजी का स्थान सबसे पहले देना चाहिए। अपनी सभी खुशियों को भूल जाते है अपनी बच्चों की खुशियों के आगे। मां पिताजी को कभी नाराज मत किया करो वह जो भी करते है हमारे अच्छे के लिए ही करते हैं।
यह भी पढ़ें-
- दो बकरियों की कहानी – कुमति और सुमति | छोटे बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ
- Best hindi stories for child | बच्चों के लिए बेस्ट मनोरंजक हिंदी कहानियां
- Kabutar aur madhumakkhi ki kahani | कबूतर और मधुमक्खी की कहानी
- Best Hindi Story | किसी को धोखा देकर आप लाभान्वित नहीं हो सकते
हम लाते हैं मजदूरों से जुड़ी खबर और अहम जानकारियां? - WorkerVoice.in