Hindi story for kids in hindi : अमर और रमन एक ही गांव में रहने वाले दो जिगरी दोस्त थे, वो हमेशा एक साथ शिकार को जाते थे। काफी दिनों से ये दोस्त कोई भी श्किार को नहीं गए थे। तो अमर कहता है रमन क्या कल हम जंगल शिकार करने को चले।
रमन भी तैयार हो जाता है। जैसे हि दोनों जंगल में आते है अमर ने बोला हम दोनों मिलकर गड्डा खोदेंगे, मुझे उम्मीद है कि रात में उसमे हिरन जरूर फंस जायेगा। फिर हमउ से आधा-आधा बांट लेंगे ।
रमन ने कहा ‘नहीं तुम्हें अकेले गड्डा खोदना होगा, मैं तो चिड़ियों के लिए जाल डालूंगा। अमर ने कहां ठीक है, लेकिन याद रखना अगर हिरन फंसा तो तुम्हें एक बोटी भी नहीं दूंगा।
रमन ने कहा ठीक है मत देना पर अगर मेरे जाल में पंछी फंसा तो मैं भी तुम्हें नही दूंगा।
दोनों साथ-साथ अपने शिकार फसाने कि तैयारी में लग गए। इस बार ये दोनों अलग-अलग शिकार करना चाहते थे। अमर हिरन का शिकार करना चाहता तो रमन पंछी का।
रमन ने थोड़ी दूरी पर जाल लगाया और अमर ने अकेले हि गड्डा किया, और दोनों घर लौट आए।
अगले दिन सुबह रमन अकेले हि जंगल चला गया उसने देखा कि चिड़िया का जाल खाली पड़ा है। और अमर के गड्डे में एक हिरन गिर कर फंस गया है।
रमन जल्दी से अपना जाल खोला और उसमें हिरन को लपेटा और चुप-चाप वहां से निकल लिया।
अमर के घर पहुंच कर रमन ऊंचे स्वर में बोला ओ अमर ! क्या तुम अभी तक सो रहे हो? उठो, चलो हम अपने शिकार देखने चलें।
अमर उस समय सुबह की मीठी नींद में था। रमन की आवाज सुनकर झट से उठ बैठा। मुंह पर ठंडे पानी का छींटे मारे और रमन के साथ जंगल की ओर चल पड़ा।
जंगल में पहुंच कर रमन अपने जाल की ओर देख कर बोला ओ तेरी ये मैं क्या देख रहा हूँ? मेरे जाल में हिरन फसा हुआ है। कहीं ये सपना तो नहीं? चलो-चलो अमर तुमहारे गड्डे में भी देखते हैं। जाने वहां क्या मिले?
अमर का गड्डा खाली पड़ा था। अमर ने कुछ नहीं कहा पर ओ रमन के साथ घर भी नही लौटा।
अमर की मां घर पर अमर का लौटने की राह देखते-देखते रो पड़ी, अब तक अमर जंगल से नहीं लौटा, कहीं उसे शेर तो नहीं खा गया।
रमन अमर की मां की रोने की आवाज सून कर उसके पास आया और बोला रोओ मत, रोओ मत मैं उसे खोजने जाता हूं, कहकर रमन जंगल की ओर चल पड़ा।
नदी के किनारे अमर को बैठा देखकर रमन गुस्से में बोला तुम यहां अराम से बैठे हो घर पर मां का रो-रो कर हाल बूरा हो रखा हैं।
अमर ने रमन से कहां मैं नदी के पानी को उड़ते हुए देखकर उसका आनंद ले रहा हूं।
रमन झुंझलाकर बोला नदी का पानी कहीं आसमान में उड़ भी सकता हैं तुम ठिक हो या पागल हो गए हो?
अमर ने जवाब दिया जब हिरन जाल में फस सकती हैं। तो क्या पानी उड़ भी नहीं सकता।
रमन समझ गया उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने अमर से मांफि मांगी। और फिर क्या था दोनों दोस्तों ने पूरे परिवार के साथ मिलकर रात को हिरन के मांस का आनंद लिया।
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