Hindi story for class 6 with moral– किसी गांव में एक असलम नाम का व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहता था। वह कपड़ो को व्यापर करता था। एक दिन असलम अपनी पत्नी के साथ गांव के ही बाजार में घर के लिए कुछ सामान लाने चला गया। जब घर पर कोई नहीं था। तभी असलम के घर कुछ चोर घुस आये और असलम के बेचने वाले कपड़ों की पुरी गाठ ही चुरा ले गए।
असलम को व्यपार शुरू करने के लिए पैसे भी नहीं थे। असलम ने एक अरब के सौदागर से पैसे उधार में लिया हुआ था। व्यपार शुरू करने के लिए, अब तो ना कपड़े थे और ना ही उसके पास पैसे।
अब उसे चुकाने की सोचकर ही असलम को पसीना आने लगता था। हर घड़ी उसके मन में यही डर लगी रहती कि किस तरह सौदागर का कर्ज उतार सकेगा।
आखिरकार एक दिन उसे तरकीब सूझ ही गई। उसने यह तरकीब अपनी पत्नी को बताई तो उसे भी पसंद आई और उसने असलम को पूरा सहयोग देने का वादा भी किया।
आते-आते वह दिन भी आ ही गया जिस दिन अरब के सौदागर अपने कर्ज की वसूली के लिए असलम के पास आने वाला था।
इस दिन सुबह-सुबह असलम की पत्नी ने एक बड़े से टब में खजूर की शरबत भरी फिर उस टब के आगे ढेर सारी धुनी हुई रूई बिछा दी।
असलम ने उस टब में डुबकी लगाई फिर तब तक रूई पर लोटता रहा जब तक रूई असलम के पूरे शरीर पर लग ना गया। फिर वह अपने घर के पिछे एक मुर्गे के बड़े से पिंजरे में बैठ गया।
असलम की पत्नी ने पिंजरे कर दरवाजा खुला हि रखा और पिंजरे को एक बड़े से चादर से ढंक दिया। धुप जरा सी चढ़ी ही थी कि सौदागर असलम के घर आ पहुंचा। असलम की बीवी ने सौदागर को सलाम किया और कहा कि असलम तो घर पर नहीं हैं। सौदागर ने कहा अरे! उसे मालूम था कि आज में आनेवाला हूं।
‘वह राजा से मिलने गया है।’ असलम की पत्नी ने कहा।
‘सौदागर ने बोला’ राजा से मिलने क्यों?
दरअसल एक दुर्लभ चिड़िया असलम के हाथ लगी है। वह उसे राजा को भेेंट करना चाहता हैं।’ पत्नी ने धीमे सुर में राज खोला।
‘दुर्लभ चिड़िया! कैसी है? कहां है?’ सौदागर को उत्सुकता हुई।
‘घर के पिछवाड़े, पिंजरे में है।’ असलम की पत्नी ने बताया।
‘ओह! मैं उसे देखना चाहता हूं। क्या आप मुझे दिखा सकती हैं?
असलम की पत्नी ने सौदागर से कहा मुझे मांफ किजिये, मैं वह चिड़िया आपको नहीं दिखा सकती। असलम ने कहा हैं कि राजा से पहले इस दुर्लभ चिड़िया पर किसी की नजर नहीं पड़नी चाहिए।
जितना असलम की पत्नी चिड़िया ना दिखाने को बोलती, सौदागर को चिड़िया देखने की ललक बढ़ती जा रही थी। अंत में असलम की पत्नी दुर्लभ चिड़िया को दिखाने को राजी हो गई।
मगर ये क्या? सौदागर ने जैसे हि पिंजरे से चादर हटाया। चिड़िया दरबाजे से निकल कर जंगल की ओर भाग गई। असलम की पत्नी चिल्लाने लगी आह ये क्या किया तुमने चिड़िया को भगा दिया। असलम तो राजा से बात भी कर चूंका होगा, अब हम क्या करेगें।
हम पर राजा का कहर टूट पड़ेगा, वह सोचेगें की असलम ने झुठ बोला हैं।
सौदागर बहुत घबरा गया, वह असलम की बीवी को चुप होने को कह रहा था। पर असलम की बीवी जोर-जोर से शोर मचाने लगी। सौदागर घबराहट में असलम की बीवी को चुप होने के बदले कर्ज मांफ करने की बात कह दि।
फिर क्या था, असलम की बीवी चुप हो गई और चिड़िया भगाने का इल्जाम खुद असलम की बीवी अपने सर लेलेगी अगर सौदागर कर्ज मांफ कर देता है। बोली और अब सौदागर कभी उसके घर नहीं आयेगा ये वादा भी सौदागर से असलम की बीवी ने ले लिया।
सौदागर कर्ज मांफ करने की बात बोल कर चुप-चाप असलम के घर से वापस चला गया।
यह भी पढ़ें-
- Raja ki Kahani in Hindi | राजा और सेनापति की कहानी | Motivational Story
- अमर अमीर ना बन सका | Inspiration story for students in hindi
- सच्चाई का पुरस्कार हिंदी कहानी | Sachchai ka Puruskar Hindi Story
- Raja and Sevak Story in Hindi | अंधभक्त स्वामिभक्त सेवक की कहानी
हम लाते हैं मजदूरों से जुड़ी खबर और अहम जानकारियां? - WorkerVoice.in