Chhote bacchon ki kahaniyan hindi mein | छोटे बच्चों की कहानियां हिंदी में

Chhote bacchon ki kahaniyan hindi mein – हम अपने बच्चों को अच्छी-अच्छी कहानियों के माध्यम से अच्छी आदतें सीखा सकते हैं। जिसके लिए आपको बच्चों के लिए प्रेरणादायक कहानियां, छोटे बच्चों की कहानियां हिंदी में की खोज रहती होगी। जिसके सर्च करने के लिए आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं है। आपकी जरुरत के अनुसार हम अपने ब्लॉग में आपके लिए बच्चों के लिए बेस्ट कहानियां लेकर आये हैं, आइये शुरू करते हैं-

Chhote bacchon ki kahaniyan hindi mein

Chhote bacchon ki kahaniyan hindi mein के क्रम में सर्वप्रथम पढ़ते हैं –

घूर्त भेड़िया की कहानी | बच्चों की मजेदार कहानियां

एक जंगल में एक लाचली और चालाक भेड़िया रहता था।
ज्ंगल में घूमते हुए उसे एक मोटा-ताजा बैल मरा पड़ा मिला। उस मरे हुए बैल का देखकर उसके मुंह में पानी आ गया।
वह बहुत जल्दी-जल्दी उसका मांस खाने लगा। वह सोच रहा था कहीं दूसरा जानवर आ गया तो उसे भी मांस खिलाना पड़ जाए।

इसी जल्दीबाजी में मांस खाते-खाते उसके गले में एक हड्डी अटक गई। भेड़िया ने हड्डी निकालने का बहुत प्रयत्न किया, मगर वह सफल न हो सका।

तभी उसे नदी किनारे रहने वाले एक सारस की याद आई।

भेड़िया भागता हुआ नदी के किनारे सारस को ढूंढने लगा। सारस को देखते ही वह बोला, “सारस भाई मेरे गले में एक हड्डी अटक गई है, तुम अपनी लम्बी चोंच मेरे गले में डाकर उस हड्डी को बाहर निकाल दो, मैं तुम्हें एक अच्छा सा ईनाम दूंगा।”

सारस को ईनाम की लालच नही थी, पर भेड़ियों को उस हालत में देख उसे उस पर दया आ गयी।

सारस ने तुरंत अपनी चोंच भेड़िए के गले में डालकर हड्डी बाहर निकाल दी।
हड्डी निकलते ही भेड़िए ने राहत की सांस ली।
‘‘अब मेरा ईनाम दो सारस ने मुस्कुराते हुए कहा”

ईनाम कैसा? ईनाम! भगवान का शुक्रिया अदा करो की तुमने मेरे मुंह में अपनी चोंच डाली और मैंने उसे चबाया नही। इससे बड़ा ईनाम और क्या होगा तुम्हारे लिए कि तुम्हारी जान बच गई?

सारस उससे कुछ कह पाता उससे पहले ही भेड़िया वहां से चला गया।

जंगल का कानून। बच्चों की बाल कहानियां

एक मेमना था। वह बड़ा चंचल था। उसे उसकी मां हमेशा समझाती रहती थी कि बेटे जंगल में अकेले ईधर-उधर घुमने मत जाया करों।

लेकिन वह शैतान मेमना अपनी मां की बात मानता ही नहीं था। एक दिन मेमना झरने पर पानी पीने अकेले ही चला जाता है।
झरने के किनारे दूर एक भेड़िया बैठा था। उसने जैसे ही मेमने को अकेले पानी पीता देखा वह तुरंत भागता हुआ उसके पास आ गया।

मेमने को अकेला देख भेड़िए के मन में तरह-तरह के विचार आने लगे, यह कितना छोटा है, तो इसके मांस बहुम मुलायम और स्वादिष्ट होगें। मुझें इसका शिकार करना चाहिए।

अचानक उसे जंगल में बने नये कानून याद आ जाते है, किसी भी जानवर को कोई खामखां ना तो मारेगा, ना ही बिना किसी कारण नुकसान पहुँचायेगा।

इसी बात को सोचते हुए उसके खुराफाती दिमाग में एक तरकीब आ गई। कोई बहाना या कोई कारण पैदा करना चाहिए, इस मेमने को मारने के लिए।

अब अपनी तरकीब को अंजाम देने मेमने के पास और पास भेड़िया चला जाता है।

भेड़िया गुर्राकर बोलता है- ऐ मेमने! तू मेरे पानी का पानी गंदा कर रहा हैं।

मेमने ने कहा- कैसे कर रहा हूं? पानी तो आपकी तरफ से बह कर मेरी तरफ आ रहा है। पानी तो आप गंदा कर रहे हो।
भेड़िया गुर्राया- जुबान लड़ाता हैं तूझें अभी बताता हूं।

मेमना बोलता है- भेड़िया मामा आप बेकार में मुझसे पंगा ले रहे हो, आप शायद जंगल का कानून भूल गए हो। आप मुझें परेशान मत करों नही तो मैं अभी आपके बारे में सब को बता दूंगा, आप मुझें झरने का पानी पीने से रोक रहे हो।

भेड़िया मेमने की बात सुनकर और गुस्से से आग बबूला हो गया, और उस मेमने की जान लेने ही वाला था, तभी मेमने के परिवार वाले उसे ढूढ़ते हुए झरने के पास आ पहुंचे और उस भेड़ियें को हिंसक देख मेमने के परिवार वाले उस भेड़िए को वहां से उसे भगा दिया।

मेमना अपने परिवार को वहां देख खुश हो गया और अपनी मां को बोला अब वह कभी उससे बिना बताये कहीं भी नही जाएगा, भेड़िए का गुस्से वाला रूप से मेमना डर गया था। पर उसने अपनी डर उस भेड़िए पर जाहिर होने नही दिया।

शिकारी शिकार बन गया। छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां

एक दिन एक भेड़िए जंगल में घुम रहा था। तो उसे भेड़ की खाल मिल गई।

उसे देख कर वह बहुत खुश हुआ और सोचने लगा। एक गड़रिया जंगल में बहुत सारे भेड़ को लेकर आता है, और अंधेरा होने से पहले जंगल से चला जाता है। शाम होते ही मै भी उन भेड़ों में शामिल हो जाउंगा, और रात को किसी मोटी भेड़ को उठा कर वहां से भाग जाउंगा।

यहीं सोच वह मैदान में चर रही भेड़ों के झुंड में खाल ओढकर शामिल हो गया।

शाम हुई तो गड़रिया सभी भेड़ों को जंगल से ले जाकर उसे बाड़े में बंद कर अपने घर को चला गया। भेड़िया चुपचाप रात होने का इंतजार करने लगा। भेड़िए ने रात में दावत करने के लिए एक मोटी-ताजी भेड़ का चुनाव भी कर लिया था।

धीरे-धीरे अंधेरा गहराने लगा। यहां तक तो सब कुछ ठिक-ठाक हुआ। इसके बाद ही भेड़िया के सितारे गर्दिश में आ गए।

हुआ यह कि मालिक के घर कुछ मेहमान आ गए। उसने नौकर को आदेश दिया की वह एक मोटी-ताजी और तगड़ी- सी भेड़ को हलाल कर लाए। बस फिर क्या था, संयोग से सभी भेड़ बाड़े में आराम कर रहे थे।

भेड़िया ही बाड़े में ईधर-उधर घुम रहा था, नौकर ने सोचा सबसे तंदरूस्त यही है क्यों की सारे जंगल से वापस आ थक गए, शिवाय इसके नौकर बाड़े में से भेड़िए को ही अपने साथ उठा कर ले गया और उसे हलाल कर दिया।

इस प्रकार धूर्त भेड़िया मुफ्त में मारा गया।

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