चालाक कौआ की कहानी | Chalak Kauwa Ki Kahani : एक जंगल में एक बड़ा ही ज्ञानी चूहा रहता था। उस चूहे की सूझ-बूझ से जंगल में बहुत से जानवरों का लाभ मिल चुके थे। जिसके कारण जंगल में सभी जानवर चूहे को सम्मान देते थे।
एक बार उस जंगल में कहीं से एक कौआ आ जाता है। उस कौआ ने जंगल के जानवरों से बातचीत की तो प्रत्येक जानवरों के मुंह से कौआ ने उस चूहे की प्रशंसा सुनी थी। कौआ मन ही मन उस चूहे से जल भून चूका था।
कौआ सोचने लगा की शायद, इस जंगल में उस चूहे की बुध्दि के आगे मेरी बुध्दि नहीं चलेगी। जब तक वह चूहा इस जंगल में है कोई भी अपनी समस्या लेकर मेरे पास नही आएगा।
कौआ सोचने लगा- यदी मैं उस चूहे से दुश्मनी करता हूं, तो सारा जंगल उस चूहे के खातिर मेरा दुश्मन बन जाएगा। बेहतर तो यह होगा कि मैं उस चूहे से दोस्ती कर लेता हूं और मौका देखते ही उसे चट कर जाउंगा।
किसी को मुझ पर शक भी नहीं होगा।
यही सोचकर कौआ चूहे के पास गया और बोला- भाई चूहे ! सुना है तुम बड़े ज्ञानी, नेकदिल और समझदार हो। मैं तुम से दोस्ती करना चाहता हूं।
चूहा ने कौआ से कहा- तुम मेरे शिकारी औैर मैं तुम्हारा शिकार हूं, ऐसे मैं हमदोनों की दोस्ती नहीं हो सकती।
चूहे की बात सुनकर कौआ बोला- यह सब बेकार की बातें है। मेरी मानों तो बुद्धिमानों को एक साथ रहना चाहिए। मित्रता बनाकर क्यों की बुद्धिमान के साथ रहने से आपको ज्ञान की प्राप्ति होती है।
मैं तो बस यही जानता हूँ। इसलिए मैं मित्रत्रा का प्रस्ताव लाया हूं। तुम सोच लो, कोई जल्दि नहीं मुझें तुम कल तक बता देना।
चूहे ने कौआ की बात काटते हुए बोला- पहले तुम मेरी बात सुनो। दोपहर के पहले की छाया पहले लम्बी और फिर छोटी होती है। फिर धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है। इसलिए किसी भी रिस्ते को बनाने के लिए जब कोई ज्यादा मजबूर कर रहा हो तो आपको उससे और भी ज्यादा सम्भल कर रहना चाहिए।
अब कौआ को धीरे-धीरे उस चूहे पर गुस्सा आने लगा। कौआ ने सोचा इस चूहे को अब मैं सबक सीखा ही देता हूँ मैं इससे इतनी इज्जत से बात कर रहा हूं और यह मेरी बेज्जती किए जा रहा है। कौआ सोचा मुंह में दबा कर उस चूहे को जंगल से लेकर उड़ जाता हूँ।
चूहे ने भी कौआ को अपनी ओर घुरता देख कर संदेह हुआ कि कौआ उसे नुकसान पहुंचाने वाला है। कौआ से बचने के लिए चूहा तुरंत अपनी बिल की तरफ भागा।
कौआ ने भी चूहे पर हमला करने के लिए अपना चोंच उसके तरफ बढ़ाया तभी कुछ जंगल के जानवरों ने उस कौआ को चूहे को नुकसान करने की भावना को भांप कर कौआ पर वार कर उस कौआ को वहीं मार डाला।
चूहा अपनी बिल में जाकर लम्बी-लम्बी सांसे लेने लेने लगा। चूहा की जान तो बच गई पर उस कौआ ने अपनी जान गवां ली।
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