Chalak Bandar story in hindi : एक जंगल में बहुत ही सुंदर झील था। उस जंगल के जानवर उसी झील के आस-पास ज्यादा रहा करते थे। क्योंकि उस झील का पानी बहुत साफ और मीठा था। वहां के जानवर उस झील में बहुत मस्ती किया करते थे।
एक दिन उस झील में एक बुरी साया आ जाती है। वह सुन्दर झील, अचानक ही खूनी झील में बदल जाती हैं। सुबह तो वह झील में कोई परेशानी नहीं होती पर अंधेरा होते ही खूनी झील में बदल जाती है। कोई भी जानवर पानी पीने जाता है तो झील से लौट कर वापस नहीं आता उसकी लाश भी नहीं मिलती।
एक दिन जंगल के सभी जानवरों ने एक मिटिंग बुलाई। उसमें जंगल का राजा भी उपस्थित था। सब ने उस झील के बारे में बाते कि की अभी तक कितने जानवर उस झील पर पानी पीने गए और वापस लौट कर नहीं आए।
सभी जानवरों की सलाह-मशवरा हुई और यह फैसला सब ने मिलकर किया कि शाम को सभी जानवर इकठा होकर पानी भर पेट पानी पी लेगें। अंधेरा होने के बाद उस झील की तरफ कोई भी जानवर नही जाएगा।
उस जंगल में अगले ही दिन एक बंदर आता है। बंदर जैसे ही वहां पहंचा उसकी मुलाकात खरगोश से होती है। खरगोश ने बंदर को बोला नमस्ते बंदर भैया आप इस जंगल में नये लग रहे हो। कहाँ से आए हो भाई?
बंदर ने खरगोश को नमस्ते का जवाब देते हुए बोला भाई मैं शहर के एक चिड़िया घर से भाग कर आया हूँ, बहुत परेशान हूँ। क्या तुम मुझे इस जंगल में कोई रहने की शांत जगह बता सकते हो? मुझे शहर में इंसानों के बीच इतने शोर-शराबे से रह कर आया हूँ कि मुझे कुछ दिन बिल्कुल अकेला रहने का दिल कर रहा है।
खरगोश ने बंदर को बोला क्यों नहीं भाई यह जंगल सभी जानवरों का है, तो आप का भी हुआ ना। खरगोश ने बंदर को पूरा जंगल घुमाया सिवाय उस झील के ना तो उस झील के पास बंदर को ले गया और ना तो उस खूनी झील के बारे में कुछ भी बंदर को बताया।
बंदर को खरगोश केले के पौधो के पास भी ले गया। केले के पौधे के पास ही बरगद का एक बहुत बड़ा पेड़ नजर आया। बंदर को वह जगह बहुत पसंद आया। बंदर ने खरगोश को धन्यवाद दिया और खरगोश बंदर को वही छोड़ कर चला गया।
बंदर उस जंगल में आकर बहुत खुश था। एक शाम जंगल में बंदर घुमते-धुमते उस झील के पास पहुंच जाता है। झील को देखकर बंदर बहुत खुश होता है। झील में बंदर उतर कर पानी पीता है तभी उसे पानी में अपनी तरफ आता मगरमछ दिखता है। बंदर पानी से तुरन्त निकल जाता है।
मगर मगरमछ काफी दिनों से भूखा था, क्योंकि अब झील में कोई जानवर काफी दिनों से अकेला नहीं आता। मगरमछ ने काफी दूर तक बंदर का पीछा किया। जान बचाने के लिए बंदर एक पेड़ पर चढ़ जाता है। कुछ देर बंदर का इंतजार कर मगरमछ पानी में वापस चला जाता है।
उसके बाद बंदर पेड़ से उतर कर अपने घर के तरफ घबराया हुआ जाता रहता है। उसे एक हिरन रास्ते में मिलती है। हिरन ने बंदर से पूंछा क्या हुआ? बंदर भाई आप इतना परेशान क्यों हो? बंदर ने सारी बाते हिरन को बताई।
हिरन ने बोला आपको उस खूनी झील के बारे में खरगोश ने नही बताया था क्या? तभी खरगोश भी वहां आ जाता है। खरगोश भी बंदर से पूछता है क्या हुआ। खरगोश को भी बंदर सारी बातें बता देता है।
खरगोश और हिरन सभी जानवरों को तभी इक्ठा कर शेर के पास जाते है। बंदर ने सभी को अपनी बात बताई। शेर और बाकी जानवर उस की बात को झूठ समझते है। शेर ने कहां अगर मगरमछ उस झील में रहता तो किसी को तो नजर आता या फिर किसी जानवरों को दिन में क्यों नहीं नुकसान पहुंचाता?
तुम झूठ बोल रहे हो बंदर भाई। झील में बुरी आत्मा का साया है। बंदर बहुत समझाने कि कोशिश करता है। मगर कोई भी बंदर पर विश्वास नहीं करता। शेर बंदर पर दहारने लगता हैं। बंदर और बाकी जानवर शेर की हरकतों से डरने लगते है।
बंदर ने फिर शेर से कहा एक बार मुझे सच क्या है। साबित करने दीजिए। अगर मैं झूठा हूँ तो आप मुझे खा जाना नही तो आप मुझे जिंदगी में कभी भी नुकसान नहीं पहुंचाना। शेर भी बंदर की बात को मान लेता है।
बंदर फिर सबसे एक बहुत लम्बी रस्सी और मजबूत रस्सी मांगता है। जानवरों ने मिलकर बंदर को जैसी रस्सी चाहिए थी तुरंत बना दिया।
सभी जानवर सुबह होने का इंतजार कर रहे थे। बंदर आखिर उस रस्सी से करने वाला क्या है।
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बंदर ने उस रस्सी को एक मजबूत पेड़ में बांध दिया और दूसरी तरफ गोल रिंग बनाकर उसे पानी में छूपा दिया। बंदर फिर झील की पानी में उतर कर नहाने लगा और जोर-जोर से गाना गाने लगा। सभी जानवर झील के पास झाड़ियों में छिप कर बंदर की हरकतों को देख रहा था।
शेर मन ही मन में बंदर की हरकतें देख गुस्सा कर रहा था कि यहीं दिखाने और सुनाने के लिए इस बंदर ने हमें सारी रात जगाई है। दिल कर रहा है इसे अभी मार डालूं।
तभी शेर और बाकी जानवरों ने पानी में कुछ बंदर की ओर आते देखा। मगरमछ सोचा ये बंदर मुझे यहां चुनौती देने आया है। मैं अब रात का इंतजार बिल्कुल भी नहीं करूंगा। मैं इसका मुलायम और ताजा मांस अभी खाउंगा।
झील के किनारे ऐसे भी अभी बिल्कुल सुनशान है। तभी मगरमछ उस रस्सी में घुस जाता है। और वह जितना भी हिलता उसकी रस्सी कस्ती जा रही थी।
मगरमछ को रस्सी में फसा देखकर सभी जानवर झाड़ी से निकल कर बाहर आ जाते है और बंदर को धन्यवाद देते है।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अफवाहों पर ध्यान देकर अपनी जगह छोड़कर जाने से अच्छा उस जगह पर खुद देखना चाहिए की अचानक बदलाव कैसे हुआ।
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