Best Short Moral Stories in Hindi | काणा चाहे सब काणे हो जाएं : एक जंगल था। उसमें बहुत सारे जंगली जानवर रहते थे। वह जंगल पहाड़ों के बीच था। उस जंगल में एक झरना भी था। जिसमें मीठा पानी बहता था। वहां के जानवर उस जंगल में बहुत खुश रहते थे।
एक बार कुछ शिकारियों को उस जंगल के बारे में मालूम चल जाता है कि पहाड़ों के बीचों- बीच जंगल हैं जिसमें बहुत से जंगली जानवर रहते हैं
शिकारी उस जंगल में आकर जाल डाल देते है। उस जाल में एक सियार फंस जाता है। सियार उस जाल से छूटने की बड़ी कोशिश की, मगर छूट न सका।
अन्त में जब उसने बहुत जोर लगाया तो उसकी पूंछ कट गई। सियार उस जाल से आजाद तो गया लेकिन पूंछ गंवा बैठा। जिससे वह बहुत दुखी हुआ।
सियार सोचने लगा पूंछ बिना भी कोई इज्जत है। वह सोचने लगा बिरादरी वाले क्या सोंचेंगे। सब उसे पूंछ कटा कहकर पुकारेंगे। अब क्या करूं?
सोचते-सोचते उसके दिमाग में एक तरकीब आ गई। वह जंगल में पहुंचा और हुआं-हुआं करके अपनी पूरी बिरादरी को इकठ्ठा कर लिया।
जब सब आ गए तो उसने बोला- भाइयों! अब तुम मेरा नया रूप देखो। मैंने पूंछ कटवाकर फेंक दी हैं। आप पूछेंगे क्यों?
एक बेकार का बोझ है जिसे हम ढ़ोते आए हैं। नए जमाने की हवा ने मुझें समझा दिया कि पूंछ एक बेकार की चीज हैं। इससे हमारी खूबसूरती नष्ट होती हैं, इसलिए मैंने इससे छुटकारा पा लिया है।
अब मैं आप लोगों को भी सलाह दूंगा कि इस नए जमाने में नए अंजाम में नजर आए मेरी तरह। तभी बिरादरी के एक बूढ़े सियार ने उसे डपट दिया।
अरे ओ दुष्ट, नई नस्ल के सियारों को बहकाता हैं। तू ऐ खूद कटवाया है या किसी शत्रु ने तेरी पूंछ काट दी है। तुझे पूंछ कटा बना दिया है। अब तुझे शर्म आ रही है तो तू चाहता है कि तेरी तरह दूसरे भी अपनी पूंछ कटा लें। जिससे न कोई तुझे चिढ़ाए और न तुझे शर्म महसूस हो। अब दफा हो जा यहां से।
सच्ची बात सब के सामने आते ही उसका सिर शर्म से झुक गया। फिर सभी सियार मिलकर उसे बुरा भला कहने लगे।
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