बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां (Bacchon ki Shikshaprad Kahaniyan) टिटू का विश – एक शहर में टिटू नाम का लड़का रहता था। उसकी उम्र सात साल थी। वह अपने माता-पिता और एक बड़े भाई के साथ रहता था। टिटू के भाई का नाम बिट्टू था।
टिटू बहुत ही नटखट और शरारती स्वभाव का था। टिटू में एक खासियत भी थी वह दोस्त बहुत जल्दी बनाता था। वह अपने दोस्तों की मदद और खिंचाई भी बहुत करता था।
टिटू के दोस्त उसके स्वभाव के कारण उससे बहुत खुश रहते थे। एक दिन सुबह-सुबह टिट्टू भगवान से एक विश मांग रहा था। उसने आज मैथ का होमवर्क नहीं किया भगवान आज मुझे बचा लेना।
तभी टिटू के भाई उसकी यह सारी बातें सुन लेता है और टिटू से बोलता है कि उसने होमवर्क क्यों नहीं किया?
टिटू बोलता है उसे लगा कि आज बुधवार है और मैथ कि क्लास नहीं है। जबकि उसको अभी मालूम हुआ कि आज मंगलवार है।
आज तो पहली क्लास ही मैथ की होगी। अगर बिना होमवर्क स्कूल गया तो टीचर उसको सजा देगें।
तभी टिटू की मां ने नास्ता करने के लिए बिट्टू और टिटू को आवाज लगाती है। स्कूल का टाईम होने वाला है। जल्दी आकर नाश्ता खत्म करों।
दोनों नास्ते के टेबल पर आकर नाश्ता करने लगते है। तभी टिटू के पापा अखबार में पढ़ते है कि भारी वर्षा के कारण आज सभी स्कूल बंद है।
टिटू बहुत खुश हो जाता है। उसे लगता है भगवान ने उसकी विश पूरी कर दी। टिटूू के खुशी का ठिकाना नही रहता।
मां बोलती है, “बाहर मौसम तो बिल्कुल साफ है और दूर-दूर तक वर्षा कहीं नजर नहीं आ रही। यह बोलते हुए मां घर के हॉल में जाती है तो देखती है कि आज का अखबार वही टेबल पर पड़ा है। वह पूछती है, आप कबका अखबार पढ़ रहे हो जरा डेट देखना?
टिटू के पापा ने बोला अरे यह तो पिछले महीने का अखबार है। मैने तो यह किचन से लिया था।
टिटू की मां ने बोला यह अलमारी के पेपर बदलने के लिए, मैंने वहां पूराना अखबार बाहर रखा था। मां बोली आज कोई छुट्टि नहीं है। तुम दोनों जल्दी नाश्ता खत्म कर स्कूल जाओं।
यह सुनते ही टिटू उदास हो स्कूल चला जाता है। स्कूल पहुंच कर टिटू मन ही मन सोचता रहता है। काश आज टीचर स्कूल ना आए।
तभी टिटू के क्लास में हिंदी के टीचर आते हैं और बच्चों को बोलते है। आज मैथ के टीचर किसी काम के कारण आज स्कूल लेट आयेंगे। आज उनके क्लास में हिंदी पढ़ लों और हिंदी के क्लास में मैथ पढ़ लेना आप लोग।
टीचर की बात सुनते ही टिटू फिर से खुश हो जाता है और मन में कहता है। थाई क्यूं भगवान जी, टीचर को अपने काम में आज उलझाकर रखना प्लीज।
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टिटू की खुशी ज्यादा देर तक नही रहती। अगले ही क्लास में मैथ के टीचर आ जाते है और सभी बच्चों को होमवर्क जमा करने के लिए कहते है।
टिटू चुपचाप बैंच पर खड़ा हो जाता है। जब टीचर ने पूछा कि तुम बैंच पर क्यों खड़े हो गए हो?
टिटू के जवाब दिया। मैं अपने दोस्तों का विश पूरा कर रहा हूं। टीचर ने बोला ऐसा विश कौन पूरा करना है?
टिटू ने जवाब दिया, “मेरे सारे दोस्त किसी ना किसी क्लास में एक-एक दिन बैंच पर खड़े होते है” और आज मेरी बारी है।
सारे बच्चें हंसने लगे। उनमें से एक बच्चें ने कहा टीचर आज टिटू होमवर्क पूरा कर के नहीं लाया होगा। तभी ऐसे बोल रहा है।
टीचर नाराज होकर बोलते है। एक तो होमवर्क नही करके आए हो उपर से क्लास मै नोटंकी करते हो। आज तुम पूरे क्लास में खड़े रहोगे।
टिटू स्कूल के बाद जब घर पहुंचता है। मां उसका उदास चेहरा देख पूछती है क्या हुआ? टिटू मां को कोई जवाब दिए बिना ही अपने कमरे में चला जाता है।
टिटू की मां बिट्टू से पुछती है। आज वह उदास क्यों है?
बिटू कहता है आज उसकी विश पूरी नही हुई। इसलिए और मां को सारी बातें बता देता है।
टिटू मां के पास आता है और बोलता है। आपने ही तो कहा था कि सच्चे मन से मांगी हुई विश हमेशा पूरी होती है। टिचर स्कूल भी आ गयी और मुझे सजा भी मिली।
मां ने बोला विश वही पूरी होती है जो सही हो, तुमने तो अपनी विश के कारण टीचर के साथ गलत होने के लिए मांगा था। तभी तुम्हारी विश पूरी नहीं हुई।
टिटू को ऐहसास हुआ, वह आज अपनी गलती के कारण अपनी टीचर को गलत समझ रहा था। उसने आपनी मां को साॅरी बोला।
मां फिर बोली देखों टिटू मेरी विश कितनी जल्दी पूरी होगी। आज से तुम दोनों अपना परा होमवर्क खत्म किए बिना खेलने के लिए बाहर नही जाओगे और हंस पड़ी। टिटू और बिट्टू ने कहा, “ओके मां”।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा प्राप्त होती है। अपना काम है तो, उसे खुद आपको खत्म होता है। भगवान से प्रार्थना करने से आपका काम भगवान आ कर नहीं करेंगे।
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