Cat Story for kids in Hindi: एक समय की बात है, जंगल में एक वृक्ष पर एक कौआ रहता था। उसी वृक्ष के तने के खोह में एक गौरैया पंछी भी रहता था। इन दोनों में बहुत अच्छी मित्रता थी, दोनों मिलकर कर भोजन की तलाश में साथ में जाते और साथ में ही अपने वृक्ष पर लौट आते इसी प्रकार से उनका जीवन व्यतीत हो रहा था।
एक दिन गौरैया के कुछ अन्य दोस्त उसके पास आ गए और वह कौए को छोड़कर उनके साथ घूमने चला गया, रात होने तक भी गौरैया वापस नहीं आया। यह देखकर कौए को बहुत चिंता होने लगी। वह बार-बार यही सोच रहा था कि कहीं ऐसा न हो कि उसे किसी शिकारी ने मार डाला हो या वह किसी मुसीबत में फंस गया हो।
कौआ चिंता में डूबा रहा, किन्तु उसके मित्र का कहीं भी अता-पता नहीं था।
इसी प्रकार कई दिन बीत गए। कौआ हर रोज वृ़क्ष पर भूखा-प्यासा बैठ कर उसकी राह देखता रहता लेकिन उसके हिस्से में केवल निराशा ही आती। कौआ एक दिन अपनी दोस्त की राह देखता हुआ उसकी खोह की ओर देख रहा था तो उसने देखा कि एक खरगोश उस खोह में से बाहर निकल रहा था।
उसे देखकर कौए ने सोचा कि गौरैया तो उसे छोड़कर न जाने कहां चला गया, कौन जाने कि अब वह जीवित भी हैं या नहीं। बिना मित्र के जीवन सूना है। अतः इस खरगोश से दोस्ती कर लेनी चाहिए। गौरैया ना सही यह खरगोश ही सही।
यही सोचकर कौए ने खरगोश से दोस्ती कर ली।
यही सोचकर कौए ने खरगोश से दोस्ती कर ली।
अब तो कौेए का जीवन पहले से भी अच्छा व्यतीत होने लगा। वह खरगोश के साथ जंगलों में पैदल-पैदल चलता और कहीं उसे कोई खतरे का आभास होता तो वह आकाश में उड़ जाता और खरगोश किसी बिल में छिप जाता। सत्य बात यह भी थी की वह खरगोश की मित्रता पाकर गौरैया को भूल चूका था।
एक दिन गौरैया भी वापस आ जाता है, कौए ने देखा, वह पहले से भी ज्यादा मोटा होकर लोटा है, जैसे ही वह अपने खोह में जाने लगा तो वहां बैठा खरगोश से वह पूछा- भैया! तुम मेरे घर में कैसे घुसे बैठे हो?
खरगोश बोला- अब यह घर तुम्हारा नहीं है दोस्त अब मैं यहां रहता हूं। अब तुम यहां क्या करने आए हो? क्या तुमने नहीं सुना कि एक बार वृक्षों को छोड़कर अगर आप चले जाते हो तो दूबारा अपना अधिकार फिर नहीं जमा सकते। दस वर्ष तक जिसने किसी जगह का भोग किया हो, उसका यह भोग प्रमाण है कि वह जगह उसी की है, जो वहां रहता हैं। खरगोश बोला- परन्तु पशु-पक्षियों के विषय में यह कहा है कि उनका अधिकार तब तक रहता है जब तक वे वहां पर रहते हैं।
खरगोश की बातें सुनकर गौरैया बोला चलो, इस समस्या का समाधान के लिए किसी ज्ञानी से राय ले लेते है। वह जो बोलेगा हम दोनों में से वही इस खोह में रहेगा और उस की बात माननी होगी। खरगोश बोला ठीक है चलो।
जब दोनों वहां से चले तो दोनों को अपनी ओर आता एक मोटा-सा काला बिल्ला दिखा।
दोनों को देखकर बिल्ले ने बोला क्या बात है, भाई तुम दोनों परेशान क्यों दिख रहे हो? दोनों ने अपनी समस्या उस बिल्ले को बताया और बोले अब आप ही हम दोनों की समस्या का समाधान कर दीजिए।
बिल्ले ने भी चालाकी से बोला- मैं इतनी दूर से तुम दोनों की बात ठीक से सुन नहीं सकता। तुम दोनों मेरे नजदीक आकर कहो, ताकि मैं न्याय कर सकूं।
उस बिल्ले की बात सुनकर वो दोनों बिल्ले की चाल समझ नही सके, वे निडर होकर उसके निकट आ गए।
फिर क्या था। बिल्ले की चाल सफल रही, उन दोनों को अपने निकट पाकर वह एक साथ उन पर टूट पड़ा और देखते-देखते दोनों को चट कर गया।
फिर क्या था। बिल्ले की चाल सफल रही, उन दोनों को अपने निकट पाकर वह एक साथ उन पर टूट पड़ा और देखते-देखते दोनों को चट कर गया।
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