Ajib Chidiya ki Kahani | अजीब चिड़िया की कहानी: एक बार की बात है। एक शहर में एक बड़े से पेड़ पर एक पक्षी रहता था, जिसका नाम था पोनिया था। यह बहुत ही सुंदर और सफेद रंग का था।
पेनिया में एक खास और अदभूत बात यह थी कि उसका मल थोड़ी देर में सोने में बदल जाता था।
यह बात किसी को भी पता नहीं थी। एक बार उस पेड़ के नीचे से एक राहगीर गुजर रहा था। पेड़ के नीचे छाया देख कर उसने सोचा क्यों ना थोड़ा आराम करने के बाद यहां से आगे जाउं? और वह उस पेड़ की छाया में आराम कर ही रहा था कि इतने में पोनिया पक्षी ने उसके सामने मल त्याग कर दिया। जैसे ही पक्षी का मल जमीन पर पड़ा, वो सोने में बदल गया। यह देखते ही राहगीर बहुत खुश हुआ और उसने उस पक्षी को पकड़ने के बारे में सोचा और अपनी गठरी खोलकर उसने एक कपड़ा और कुछ चने निकाले, कपड़े को पेड़ के नीचे बिछा दिया और उस पर चने बिछा दिए।
पोनिया चने के दाने देखकर पेड़ से नीचे आकर दाने खाने लगा, राहगीर ने देखा पंक्षी दाने खाने में व्यस्त हैं मौका मीलते ही उसने कपड़े को चारों तरफ से मोरलिया पोनिया कपड़े में बंध गया, उसके बाद क्या था राहगीर के खुशी का ठीकाना नही रहा।
राहगीर पोनिया को अपने साथ अपने घर ले आया। और उसे पिंजरें में बंद कर दिया, हर रोज वह पक्षी का मल इक्ठा करता और बाजार में बेच आता, कुछ दिनों में देखते ही देखते वह राहगीर अमीर बन गया। एक दिन राहगीर के मन में चिंता सताने लगी कि अगर राजा को इस बारे में पता चला, तो वह पक्षी को अपने पास तो रख हि लेगें पर मुझे सजा भी देंगे।
यह सोचकर, डर के मारे राजा के दरबार में जाकर उसने सारी बात बताई। राजा ने आदेश दिया कि उस पक्षी को प्यार से अपने बगीचे के सबसे सुंदर पिंजरे में रखा जाए और उसे अच्छे से खाना खिलाया जाए।
सभी बातों को सुनने के बाद मंत्री ने महाराज से कहा- “आप इस बेवकूफ मनुष्य की बात पर भरोसा मत कीजिये। महाराज कहीं मल भी सोने में बदल सकता हैं। यह मनुष्य का दिमांग तो नहीं खराब हैं। कभी ऐसा होता है क्या? इसलिए, अच्छा होगा कि इसे आजाद करने का आदेश दें।”
मंत्री की बात सुनकर महाराजा ने चिड़िया को आजाद करने का आदेश दिया। पोनिया जाने का बात सुनते ही राजा के दरवाजे पर सोने का मल त्याग करके वहां से उड गयी।
यह देखते ही राजा ने सिपाहीयों को उसे पकड़ने का आदेश दिया, लेकिन तब तक वो पक्षी उड़ चुका था।
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